निजी अस्पतालों में ऑपरेशन अब कठिन हो जाएगा। अस्पतालों में ऑपरेशन से पहले कोरोना की जांच होगी। इसको लेकर सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है। सिजेरियन सहित किसी भी गंभीर ऑपरेशन के पूर्व कोरोना संक्रमण की जांच जरूरी है। पांच दिनों से निजी लैब सैंपल लेना बंद कर दिए हैं, इससे मरीजों की सांसत हो गई है। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवतियों को है।
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने निर्देश जारी कर दिया है कि निजी लैब को कोरोना जांच से पहले अब मरीजों की जानकारी देनी होगी। इसके लिए निजी लैब के टेक्नीशियनों की अलग से आइडी बनाई गई है। उसी के जरिए मरीजों का पूरा ब्योरा देना होगा। रिपोर्ट से लेकर सभी जानकारियां साझा करनी होगी। जितने भी निजी लैब संचालकों को जांच की अनुमति मिली है, उनमें से तीन- लाल पैथ लैब, पैथकाइंड व एसएलआर के सेंटर गोरखपुर में हैं। नए निर्देश के मुताबिक सेंटर के टेक्नीशियनों के सभी जरूरी कागजात आइसीएमआर को भेजे गए हैं। उम्मीद है कि उनका रजिस्ट्रेशन बुधवार तक हो जाएगा और वे सैंपल लेना शुरू कर देंगे।
तीन निजी लैब में हो सकेगी कोरोना जांच
अभी तक दो लैबों- लाल पैथ लैब व पैथकाइंड के ही कलेक्शन सेंटर गोरखपुर में थे, अब तीसरे लैब एसएलआर के कलेक्शन सेंटर को सैंपल लेने की अनुमित मिल गई है। यहां जांच कराने के लिए 4500 रुपये शुल्क निर्धारित किए गए हैं।